कहानी by Usha Taneja ‘Utsav’ भाग 2 दोस्तों! उषा तनेजा ‘उत्सव’ की कहानी भाग 1 में अपने पढ़ा था कि रोहित की माँ हर रोज़ अपने बेटे से यह कह कर जाती है कि वहउसके मामा के घर जा रही है। एक दिन उसका बेटा रोहित इस बात का पता लगाने के लिए उसी मामा के घर जाता है कि आख़िर माँरोज़ रोज़ वहाँ क्या करने जाती है! जब उसे पता चलता है कि माँ वहाँ तो जाती ही नहीं तो उसका दिमाग़ माँ पर शक करने लगता है किपिताजी के देहांत के बाद माँ कहीं किसी दूसरे आदमी के साथ…? अगले दिन वह माँ का पीछा करता हुआ रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाता है जहां उसे पता चलता है कि उसकी माँ रोज़ उसी स्टेशन पर जातीहै और एक पेड़ की ओट में घंटों बैठी रहती है। अपने आप से बातें करती रहती है क्योंकि घर में उस से कोई बात नहीं करता। एक भरेपूरे घर में वह खुद को बहुत अकेली महसूस करती है। यह सब जानकर रोहित को माँ का अकेलापन ना समझ सकने के कारण शर्मिंदगी महसूस होती है। वह संकल्प लेता है कि अपने घर कोमाँ के लिए स्वर्ग से भी सुंदर बना देगा। वह माँ को घर ले आता है और एक सप्ताह के अंदर ही अपने संकल्प को पूरा कर लेता है। दोस्तों! आप चाहे बेटा हैं या बेटी, अगर आपने इस कहानी का पिछला भाग नहीं पढ़ा है तो पहले वह पढ़ लीजिए जिसका लिंक यहाँ दिया गया है। उसे क्लिक करेंगें तो वह वह कहानी खुल जाएगी। उसे देखकर वापिस आकर इस कहानी को आगे पढ़ेंगें तो पूरीकहानी आपके दिल को छू लेगी। आप इमोशनल हो जाएँगे और अपने माता पिता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को बहुत बढ़िया तरीक़े सेनिभा पाएँगे। तो उसने यह सब किया कैसे? सबसे बड़ा प्रश्न ही यही है क्योंकि तक़रीबन सभी बेटे चाहते हैं कि माता पिता सदा ख़ुश रहें पर पत्नी औरबच्चों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाते निभाते माता पिता की भावनात्मक ज़रूरतों को इग्नोर करना शुरू कर देते हैं जिसका उन्हें खुद भीअहसास नहीं होता। उनको सिर्फ़ यही लगता है कि माता पिता को जीने के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ रोटी की ज़रूरत होती है। बस यहीं वेगलती कर जाते हैं। पर, किसी किसी माता पिता की क़िस्मत अच्छी हो तो कोई रेलवे गार्ड जैसा व्यक्ति फ़रिश्ता बन कर सामने आजाता है और उनकी ज़िंदगी बदल जाती है। तो चलिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं… रोहित स्टेशन से अपनी माँ मीना देवी को घर ले आता है और उसे खाना खिलाकर खुद भी खाना अकेला ही खाता है। खाना बनाया तोउसकी पत्नी राशि ने था पर वह उस से और बच्चों से कोई बात नहीं करता। खुद ही रसोई से खाना लेकर खा लेता है और चुपचाप सोजाता है। उसकी पत्नी और बच्चे मायूस हो जाते हैं पर कहते कुछ नहीं। अगले दिन सुबह भी माँ को नाश्ता करवाकर खुद भी खा लेता हैऔर टिफ़िन उठाकर चुपचाप ऑफ़िस चला जाता है। शाम को ऑफ़िस से आने के बाद अपने लिए और माँ के लिए चाय बनाता है। माँ के कमरे में बैठ कर दोनों चाय पीते हैं। वह पत्नी औरबच्चों से कोई बात नहीं करता। बच्चे पाँच और आठ साल के हैं। बेशक वे अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे सकते पर समझते सब कुछ हैं। घरका उदास माहौल देखकर वे भी उदास रहने लगते हैं। रोहित की पत्नी दो दिनों तक तो अनजान बने रहने की कोशिश करती है पर तीसरेदिन पूछ ही लेती है, “रोहित, क्या बात है? आजकल आप उदास से रहते हैं। आपकी तबीयत तो ठीक है ना!” हालाँकि वह जानती थी की रोहित की तबीयत अगर ठीक ना होती तो वह ऑफ़िस से छुट्टी ले लेता। उसे शक तो हो गया था कि कोईना कोई बात तो है जिसकी वजह से रोहित उदास और चुप रहने लगा है। पत्नी की बात को अनसुना करके वह मुँह पर चादर ओढ़ कर पड़ा रहा। […]
स्वर्ग से सुँदर भाग 1
पारिवारिक कहानी by Usha Taneja ‘Utsav’ Share this…
Magical Home Made Herbal Oil For Long, Strong, Shiny Hair
How did I grow my hair 12 inches longer in 14 months? I love Fashion. Fashion continues changing. So do my hair cut. This was the length and cut style of my hair in May 2018. I got it trimmed to mid length in Oct 2018. This is how it looked. The very next year, […]
How To Clean Gas Stove?
Cleaning Gas Stove in daily routine is easy but removing stubborn burnt stains is a little bit difficult. Let’s see how I tried to clean these stains with washing detergent, hot water and vim powder by leaving them applied overnight. In the morning I was struggling to clean it but couldn’t get desired results. Luckily […]
जवान रहना है तो दूध में मिला कर पिएँ! गोंद कतीरा! गोंद कतीरा के फ़ायदे!
शर्बत में मिला कर पिएँ या दूध में – गोंद कतीरा! सालों तक जवान बने रहें और निरोग रहें! जड़ी बूटियों का संसार आयुर्वेद औषधियों व पोषक तत्वों का भंडार है। आयुर्वेद के उपाय न केवल तन को स्वस्थ रखते हैं बल्कि मन को भी हरा भरा रखते हैं। आज हम बात कर रहे हैं […]
गोंद कतीरा और गोंद में अंतर
गोंद कतीरा और गोंद दोनों ही स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ हैं व दोनों का औषधियों में तथा खाने की चीजें बनाने में उपयोग किया जाता है। दोनों पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े जैसे होते हैं। दोनों दिखने में लगभग एक जैसे ही होते हैं। दोनों गहरे पीले और भूरे रंग के होते हैं। बाज़ार में मिलने वाले गोंद […]