बेहतर कौन? March 12, 2014 By explorer Leave a Comment बेहतर कौन! दिन नया टूर हर दिन नया मज़ा, न कोई चिंता पैसे की न कम नंबरों पर सज़ा। मज़े ही मज़े हैं यहाँ कोई नहीं परेशानी, तुम मानव हो तो क्या पर हो तो अभिमानी! हैं जानवर फिर भी भरा नैतिकता और आनंद, करते न कभी किसी को छोटे से पिंजरे में बंद। Share this...
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